हनुमानताल स्थित जैन मंदिर में पर्युषण पर्व पर लाईटिंग की सज्जा का अद्भुत नज़ारा - Bhaskar Crime

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हनुमानताल स्थित जैन मंदिर में पर्युषण पर्व पर लाईटिंग की सज्जा का अद्भुत नज़ारा

*सचमुच, यह दृश्य देखने लायक है, एक ऐसा  जो आँखों और आत्मा दोनों को सुकून देता है*

*हनुमानताल स्थित जैन मंदिर में  पर्युषण पर्व पर लाईटिंग की सज्जा का अद्भुत नज़ारा*

 जबलपुर संवाददाता/ हनुमानताल स्थित विशाल जैन मंदिर की दिव्य छटा इन दोनों का मेल एक अलौकिक दृश्य का सृजन करता है। रात्रि के गहन अंधकार को चीरता हुआ यह मंदिर एक ऐसे स्वर्गिक के समान प्रतीत होता है जो सीधे धरती पर उतर आया हो

मंदिर का मुख्य शिखर हज़ारों छोटे-छोटे बल्बों की मालाओं से सजा है, जो एक ऐसे मुकुट की तरह चमक रहा है जिसमें हीरे जड़े हों। शिखर की रेखाएँ सुनहरी लाइट्स से इस कुशलता से रेखांकित की गई हैं मानो किसी ने आकाश में स्याही से उकेरी हुई रेखाओं को सोने से भर दिया हो।

मंदिर के प्रवेश द्वार और बाहरी दीवारें रंग-बिरंगी झालरों और चमकती हुई लटकनों से सजी हैं। हर खंभा, हर मेहराब रोशनी की कलात्मक बुनावट में लिपटा हुआ है, जो मंदिर की वास्तुकला की हर बारीकी को उजागर कर रहा है।

हनुमानताल का जल इस रोशनी में और भी निखर उठता है। मंदिर की चकाचौंध प्रतिबिम तालाब के शांत जल में पड़ती है, जिससे एक ऐसा दृश्य बनता है मानो आकाश और पाताल दोनों ही ज्योति से भर गए हों। रोशनी का प्रतिबिंब लहरों पर थिरकता हुआ एक मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है।

यह सज्जा सिर्फ आँखों के लिए ही एक दावत नहीं है, बल्कि आत्मा के लिए एक अनुभूति है। यह प्रकाश पर्व की आध्यात्मिकता, पवित्रता और आंतरिक प्रकाश (ज्ञान) का प्रतीक है। यह दृश्य हर दर्शक के मन में शांति, आश्चर्य और भक्ति की एक अविस्मरणीय भावना छोड़ जाता है, जो पयुषण के संदेश—क्षमा, सद्भाव और आत्मशुद्धि—को और गहराई से समझने का एक मार्ग प्रशस्त करता है।