जबलपुर में फिर चाकू का आतंक,चाइनीज चाकू से हमलों ने बढ़ाई पुलिस की मुश्किलें
(मनोज विश्वकर्मा विशेष रिपोर्टर)
जबलपुर संवाददाता / शहर में चाइनीज चाकू का साया एक बार फिर से गहरा गया है। हाल के दिनों में लगातार हुई चाकूबाज़ी की घटनाओं ने न केवल आम जनता की चिंता बढ़ाई है, बल्कि पुलिस विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती भी खड़ी कर दी है। यह स्थिति तब है जब पुलिस प्रशासन ने करीब चार साल पहले ही इन खतरनाक चाकुओं की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था
*क्या है 'चाइनीज चाकू' और क्यों है खतरनाक*
चाइनीज चाकू, जिसे अक्सर बटनदार चाकू के नाम से भी जाना जाता है, अपने छोटे आकार और तेज धार के कारण काफी खतरनाक मानी जाती है। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इस चाकू की धार इतनी पैनी होती है कि इससे किया गया वार पेट की अंतड़ियों तक को नुकसान पहुंचा सकता है । इसके छोटे आकार और बटनदार डिजाइन के कारण इसे छिपाना और अपने साथ रखना आसान होता है, जिससे इसका दुरुपयोग बढ़ जाता है।
कैसे पहुंची जबलपुर पहुंची चाकू : साल 2021 में एक रिपोर्ट से पता चला था कि ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए पिछले दो सालों में जबलपुर शहर और ग्रामीण इलाकों में लगभग 3,000 चाइनीज चाकू ऑर्डर की गई थीं . इनमें कॉलेज की छात्राओं द्वारा सुरक्षा के नाम पर खरीदी गई चाकू भी शामिल थीं। इस खतरे को भांपते हुए, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी कर जबलपुर के सभी पिनकोड पर इन चाकुओं की डिलीवरी पर रोक लगा दी गई थी ।
हाल की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता: हालांकि प्रतिबंध लगने के बावजूद, शहर में चाइनीज चाकू से हमले की घटनाएं थमी नहीं हैं:
सितंबर 2025: मझौली तहसील कार्यालय के पास सुनील राय नाम के एक युवक पर बदमाशों ने चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हमलावर उसे जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए .
· अन्य मामले: रांझी सिविल अस्पताल और खमरिया बाजार में दो युवकों पर चाकू से हमला करने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि ये हमले पुरानी रंजिश का नतीजा थे .
· सोशल मीडिया पर डींगें: रांझी पुलिस ने एक युवक आदित्य राजपूत को उसके इंस्टाग्राम पर चाकू दिखाती वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इससे पता चलता है कि कुछ युवाओं के बीच चाकू रखना 'कूल' का प्रतीक बन गया है .
पुलिस की चुनौती और जनाक्रोश:लगातार हो रही इन घटनाओं ने जनता में रोष पैदा किया है। लोगों का मानना है कि छोटी-छोटी बातों पर भी अब चाकू निकल रहे हैं और मामूली झगड़े बड़े हादसों में बदल रहे हैं। ऐसे में, शहर और ग्रामीण इलाकों के थाना प्रभारियों और चौकी प्रभारियों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वे हर शिकायत को गंभीरता से लें और त्वरित कार्रवाई करें।
पुलिस अधीक्षक श्री सम्पत उपाध्याय के नेतृत्व में जन सुनवाई जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, जहां आम लोग सीधे अपनी समस्याएं रख सकते हैं . हालांकि, सोशल मीडिया पर हथियारों की तस्वीरें पोस्ट करने और चाकू की आसान उपलब्धता जैसे मुद्दे अभी भी पुलिस के लिए एक बड़ी परीक्षा बने हुए हैं।
अब क्या हो आगे की राह
इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कुछ जरूरी कदम सुझाए जा सकते हैं:
· सख्त कानूनी कार्रवाई: चाइनीज चाकू की बिक्री और कब्जे के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
· जागरूकता अभियान: स्कूल और कॉलेजों में युवाओं को हथियारों के दुरुपयोग और कानूनी परिणामों के बारे में शिक्षित किया जाए।
· निगरानी मजबूत करना: संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और सीसीटीवी नेटवर्क को मजबूत करने की आवश्यकता है।
स्पष्ट है कि केवल प्रतिबंध से काम नहीं चलेगा। इस समस्या के समाधान के लिए पुलिस प्रशासन और समुदाय के बीच मजबूत सहयोग जरूरी है, ताकि जबलपुर एक सुरक्षित शहर बन सके।