आय से अधिक संपत्ति में करोड़ों का लोकायुक्त किया खुलासा - Bhaskar Crime

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आय से अधिक संपत्ति में करोड़ों का लोकायुक्त किया खुलासा

*आय से अधिक संपत्ति में करोड़ों का लोकायुक्त किया खुलासा*

*रिटायर्ड आबकारी अधिकारी के 8 ठिकानों पर लोकायुक्त की दीपावली से पहले जबरदस्त छापे*

भोपाल/इंदौर/ग्वालियर : मध्य प्रदेश में दीपावली से ठीक पहले, लोकायुक्त की एक विशेष टीम ने बुधवार तड़के एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक रिटायर्ड आबकारी अधिकारी के आठ ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोपों की जांच के लिए की गई है।

छापे इंदौर और ग्वालियर के विभिन्न इलाकों में किए गए, जहां लोकायुक्त के अधिकारी सेवानिवृत्त सहायक जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के निवास और अन्य परिसरों से दस्तावेज, नकदी और कीमती सामान बरामद कर रहे हैं।

क्या बरामद हुआ :शुरुआती जांच में ही ऑपरेशन ने चौंकाने वाले नतीजे दिए हैं। इंदौर स्थित एक फ्लैट से ही लाखों रुपये की नकदी, विदेशी मुद्रा, महंगे गहने और एक लाइसेंसी हथियार मिलने की सूचना है। विस्तृत बरामदगी में शामिल हैं:

.  नकदी: लगभग 75 लाख रुपये।

·  सोना-चांदी: डेढ़ किलो सोने का बार, एक किलो सोने के गहने और 4 किलो चांदी के जेवरात।

·  विदेशी मुद्रा: 5000 यूरो (लगभग साढ़े चार लाख रुपये)।

·  अचल संपत्ति: इंदौर में दो फ्लैट, एक निर्माणाधीन बंगला और ग्वालियर सहित अन्य शहरों में जमीन।

· विलासिता की वस्तुएं: महंगी कारें और एक रिवॉल्वर।


 आय और संपत्ति में बड़ा अंतर :जांच में जो सबसे बड़ा खुलासा हुआ है, वह है आधिकारिक आय और जमा संपत्ति के बीच का बेहिसाब अंतर। बताया जा रहा है कि भदौरिया ने अपने 38 साल के करियर में वेतन और भत्तों के रूप में लगभग 2 करोड़ रुपये कमाए। मगर, अब तक की जांच में ही उनकी 7 से 8 करोड़ रुपये की संपत्ति और निवेश का पता चला है, जो उनकी वैध आय से कहीं अधिक है

 पूर्व में भी आरोप ;धर्मेंद्र सिंह भदौरिया का नाम पहले भी विवादों में रहा है। साल 2020 में शराब ठेकों की नीलामी प्रक्रिया में लापरवाही बरतने के आरोप में उन्हें निलंबित भी किया जा चुका है। वह महज तीन महीने पहले, अगस्त 2025 में ही सेवानिवृत्त हुए हैं।लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले की तहकीकात जारी रखते हुए सभी बरामद दस्तावेजों और संपत्तियों का विस्तृत मूल्यांकन शुरू कर दिया है। आय से अधिक संपत्ति रखने के गंभीर आरोपों के मद्देनजर यह केस प्रदेश के प्रशासनिक हलकों में सुर्खियां बटोर रहा है।