*जबलपुर में सड़क सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बैठक: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर हुई चर्चा*
*सभी हितधारकों ने इस बात पर सहमति जताई कि छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं*
*प्रशासन और समाज की साझेदारी ही जीवन बचाने की कुंजी है*
आज जबलपुर में सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे के निर्देशों के अनुपालन में आज कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में विधायक संतोष बरकड़े, पेट्रोल पंप संचालक, गणमान्य नागरिकों तथा पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने सड़क दुर्घटनाएँ रोकने और जीवन बचाने के उपायों पर चर्चा की
* प्रमुख निर्णय एवं सुझाव *
1. **कड़ाई से नियम लागू करने पर जोर:*
- हेलमेट पहनने और सीट बेल्ट के उपयोग को अनिवार्य बनाना।
- नशे में वाहन चलाने वालों और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
- वाहनों की फिटनेस की नियमित जाँच और ड्राइविंग टेस्ट में सख्ती।
2. **जन जागरूकता अभियान:**
- "रोको-टोको" अभियान चलाकर लोगों को हेलमेट/सीट बेल्ट के लिए प्रेरित करना
- पेट्रोल पंपों पर हेलमेट न पहनने वालों को ईंधन न देने का निर्णय।
- वाहनों में रोड सेफ्टी स्टिकर लगवाना और सड़क सुरक्षा रैलियाँ आयोजित करना।
3. **अवसंरचना सुधार:*
- सड़कों के गड्ढों की तत्काल मरम्मत कराना।
- दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट्स) पर रंबल स्ट्रिप्स लगाना।
- वाहनों की ओवरलोडिंग रोकने के लिए विशेष अभियान।
4. **सामुदायिक भागीदारी:**
* सिहोरा विधायक संतोष बरकड़े ने कहा "जीवन बचाने की जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं, समाज को भी आगे आना होगा।"*
- कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एनजीओ और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाने की बात कही।
- पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने सुझाव दिया कि "सड़क सुरक्षा के लिए लोगों की आदतें बदलनी होंगी।"
अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में महत्व:
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी हेलमेट अनुपालन, स्पीड लिमिट और नशे में ड्राइविंग रोकने पर समान उपायों को प्राथमिकता देता है। भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए यह बैठक एक सार्थक कदम है।