रिश्वत और वसूली के मामलों में 12 पुलिस वालों पर भ्रष्टाचार का आरोप
आगरा पुलिस में भूचाल: भ्रष्टाचार के आरोपों पर 3 सस्पेंड, 9 पर जांच शुरू
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार का ऐलान: "भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, किसी को नहीं मिलेगी छूट"
आगरा संवाददाता / पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और नौ अन्य के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई। यह कार्रवाई रिश्वत और वसूली के विभिन्न आरोपों में हुई है।
"जिन पुलिसकर्मियों को किया गया सस्पेंड"
1. आरक्षी कौशल (एसीपी कोतवाली कार्यालय) - पैसों की मांग के आरोप में।
2. आरक्षी विश्वनाथ (एसीपी कोतवाली कार्यालय) - रिश्वत लेने के आरोप में।
3. आरक्षी प्रतीक कुमार (थाना लोहामंडी) - गैंगस्टर एक्ट के नाम पर वसूली के आरोप में।
जिन 9 पुलिसकर्मियों पर शुरू हुई विभागीय जांच:
इनके खिलाफ विभिन्न थानों और चौकियों से रिश्वत और वसूली के आरोप लगे हैं:
· उप निरीक्षक धर्मवीर - थाना किरावली (रुपये मांगने के आरोप में)
· उप निरीक्षक अंकित चौहान - थाना एत्मादपुर (विवेचना के दौरान वसूली के आरोप में)
· महिला उप निरीक्षक दीपिका - थाना एत्मादपुर (रुपये मांगने के आरोप में)
· उप निरीक्षक कपिल कुमार, आरक्षी गुरु चंदेल, आरक्षी देवेश कुमार - चौकी छलेसर (जुआरियों से रुपये लेने के आरोप में)
· आरक्षी सतेंद्र चौधरी, आरक्षी अरविंद कुमार - एसीपी अछनेरा/एत्मादपुर कोर्ट (जमानत के नाम पर वसूली के आरोप में)
· आरक्षी अभिषेक - थाना सिकंदरा (पासपोर्ट सत्यापन में रुपये मांगने के आरोप में)
इस पूरे मामले पर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार पर उनकी नीति "जीरो टॉलरेंस" (सहनशीलता शून्य) की है। उन्होंने कहा, "ऐसे किसी भी कर्मचारी को कोई छूट नहीं दी जाएगी।" यह कार्रवाई पुलिस प्रशासन की उस संकल्पशीलता को दर्शाती है, जिससे वह जनता का विश्वास बनाए रखना चाहता है।
