*साइबर क्राइम द्वारा ICICI बैंक के साथ साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु विशेष जानकारी दी*
*बैंक के अधिकारियों के साथ आपसी साझा करने एवं समन्वय हेतु एक सत्र का सफल आयोजन किया गया*
*RBI प्रक्रिया पर जागरूकता का आयोजन में जानकारी दी*
*पुलिस कैसे बैंक से त्वरित रूप से जानकारी प्राप्त कर सकती है।*
*खाता धारको के क्या क्या अधिकार है।*
*कैसे ICICI बैंक द्वारा अपने सिस्टम में बदलाव कर फ्रॉड के लिए खुलने वालों खातों को रोका*
*बैंक एवं पुलिस की जांच विवेचना संबंधी पहलुओं पर चर्चा की गयी*
*आरबीआई लोकपाल प्रक्रिया के संबंध में चर्चा की गयी।*
भोपाल संवाददाता/ आज पुलिस आयुक्त(CP) हरिनारायणाचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस क्राईम पंकज श्रीवास्तव पुलिस आयुक्त श्रीमति श्रृद्धा तिवारी एवं अति. पुलिस उपायुक्त (Add DCP) शैलेंद्र सिंह चौहान के मार्गदर्शन में एवं सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) सायबर सुजीत तिवारी के दिशा निर्देशन में सायबर क्राईम जिला भोपाल द्वारा ICICI बैंक के अधिकारियों के साथ आपसी त्वरति जानकारी साझा करने एवं समन्वय हेतु एक सत्र का सफल आयोजन किया गया।
उक्त सत्र में ICICI बैंक की तरफ से श्री शशिकांत दुबे (मुख्य प्रबंधक, भोपाल), श्री हर्ष लुघाने (मुख्य प्रबंधक, दिल्ली), श्री अजय नायर (मुख्य प्रबंधक), श्री अंकित विश्वकर्मा (रीजनल रिलेशनशिप मैनेजर) एवं श्री नवीन प्रधान (मुख्य प्रबंधक) शामिल रहे। सत्र की शुरूआत श्रीमान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त महोदय श्रीमान पंकज श्रीवास्तव के उद्बोधन से किया गया। श्रीमान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त महोदय द्वारा अपने वक्तव्य में बताया कि वर्तमान समय में सायबर फ्रॉड पर नियंत्रण के लिए जागरूकता बहुत ही जरूरी है एवं इससे निपटने के लिए बैंको एवं पुलिस को आपसी समन्वय के साथ काम करना चाहिए।
*प्रमुख बिंदु: प्रशिक्षण सत्र में ICICI बैंक के वरिष्ठ प्रबंधकों द्वारा यह बताया गया कि पुलिस को बैंक से कैसे शीघ्र जानकारी प्राप्त हो, फर्जी खाता धारकों की पहचान कैसे हो, तथा आरबीआई लोकपाल के अंतर्गत शिकायत समाधान प्रक्रिया कैसे होती है। साथ ही आईसीआईसीआई बैंक द्वारा बनाए गए फ्रॉड मॉनिटरिंग सिस्टम, संदिग्ध खातों को रोकने की प्रक्रिया, और पुलिस के साथ समन्वय की कार्यप्रणाली पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में बताया गया कि किस प्रकार बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में बिना समय गंवाए पुलिस की पहुँच और कार्रवाई तेज की जा सकती है। पुलिस की तरफ से बैंक के अधिकारियों से अपने – अपने सवाल किये गये। कार्यक्रम के अंत में बैंक के अधिकारियों को अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्री शैलेंद्र सिंह चौहान जी के द्वारा मोमेंटों प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य साइबर और वित्तीय धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को रोकने हेतु पुलिस विभाग और बैंकिंग संस्थानों के बीच समन्वय को मजबूत करना था। कार्यक्रम में सायबर क्राईम, सभी जोन की टेक सेल, क्राईम ब्रांच एवं सभी पुलिस थानों के हेल्पडेस्क प्रभारी सहित 100 से अधिक अधिकारी/कर्मचारी शामिल रहे।