इस बार गणपति बप्पा केवल 'मिट्टी के' नहीं तो होगी सख्त कार्रवाई
दुकानों में छाई मिट्टी की दिव्य छटा, प्रशासन का ऐलान "प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं पर लगी बैन,
शासन ने मिट्टी की गणेश प्रतिमा को बढ़ावा देने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं कि ¹:
- केवल मिट्टी की प्रतिमा ही बनाई जाए
- प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
(मनोज विश्वकर्मा/ चीफ एडिटर)
गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों पर हैं और बाजारों में गणेश प्रतिमाओं की दुकानें सज गई हैं। इस बार गणेश प्रतिमा के कई अनोखे रूप बनाए गए हैं, जिनमें मिट्टी की गणेश प्रतिमा खास तौर पर आकर्षण का केंद्र है। शासन और प्रशासन ने मिट्टी की गणेश प्रतिमा को बढ़ावा देने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं कि केवल मिट्टी की प्रतिमा ही बनाई जाए और प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बार गणेश उत्सव में प्रकृति की चिंता और परंपरा की वापसी का स्वर गूंज रहा है। शहर की मूर्ति विक्रेताओं की दुकानें these days रंग-बिरंगी और आकर्षक मिट्टी की गणपति प्रतिमाओं से सज गई हैं, लेकिन इस बार की खूबसूरती के साथ एक चेतावनी भी जुड़ी है। प्रशासन की तरफ से जारी सख्त निर्देश में कहा गया है कि केवल मिट्टी से बनी प्रतिमाएं ही बेची और खरीदी जा सकेंगी, और अगर किसी ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) या अन्य अघुलनशील सामग्री की मूर्ति रखी तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
पारंपरिक तरीके को बढ़ावा देने और पर्यावरण को नदियों का प्रदूषण होने से बचाने के मकसद से प्रशासन ने यह बड़ा फैसला लिया है। हर साल विसर्जन के बाद POP और रासायनिक रंगों से नदियों का पानी जहरीला हो जाता है, जिससे जलीय जीवन को खतरा होता है। मिट्टी की प्रतिमाएं पानी में आसानी से घुल जाती हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं।
दुकानों पर नजर: मिट्टी के गणेश के कई रूप
इस साल कारीगरों ने मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं को बेहद खूबसूरत और आकर्षक रूप दिया है। छोटे बच्चों के लिए हाथों में आइसक्रीम या लड्डू थामे हुए आधुनिक डिजाइन हैं तो वहीं पारंपरिक 'मोदकपriya' ढंग की भव्य मूर्तियां भी मौजूद हैं। कुछ कारीगरों ने तो मिट्टी में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करके ऐसी कलाकृतियां बनाई हैं जो देखने वालों को हैरान कर रही हैं।
प्रशासन की चेतावनी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हमने एक विशेष टीम गठित की है जो बाजारों में लगातार निगरानी रखेगी। किसी भी दुकान में POP की मूर्ति मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और मूर्तियों को जब्त करना शामिल है। हमारा लक्ष्य है कि इस बार 100% इको-फ्रेंडली त्योहार मनाया जाए।"
लोगों की क्या है राय?
जनता ने इस कदम का स्वागत किया है। एक ग्राहक श्रीमती सुनिता शर्मा ने कहा, "यह बहुत अच्छा फैसला है। बच्चों को पर्यावरण का महत्व समझाने का यह सही मौका है। मिट्टी की मूर्तियां देखने में भी बहुत सुंदर लग रही हैं।"
तो इस बार, बप्पा के घर आगमन के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प भी लें। क्योंकि इस बार, बप्पा हैं 'हरियाली के देवता'।